'देश में गृहयुद्ध भड़काने के लिए CJI संजीव खन्ना जिम्मेदार'; BJP सांसद निशिकांत दुबे के बयान से भूचाल, जेपी नड्डा ने दे दी हिदायत

BJP Nishikant Dubey Statement On Supreme Court and CJI Sanjeev Khanna
BJP Nishikant Dubey Statement: हाल ही के दिनों में देश की सबसे बड़ी अदालत और भारत सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनती देखी जा रही है। इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना पर ऐसा बयान दे डाला है कि भूचाल आ गया है। निशिकांत दुबे ने कहा है कि ''इस देश में जितने गृहयुद्ध हो रहे हैं उसके जिम्मेदार केवल यहां के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना साहब हैं।''
वहीं सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि, ''देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट ही जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से बाहर जा रहा है। अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है तो फिर तो संसद और विधानसभा कोई मतलब ही नहीं है। अगर कानून सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद को बंद कर देना चाहिए। वहीं कानून बनाने को लेकर राष्ट्रपति को निर्देशित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को लेकर भी निशिकांत दुबे ने बयान जारी किया।''
निशिकांत दुबे ने कहा कि, ''सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्ति प्राधिकारी को कैसे निर्देश दे सकते हैं? जबकि राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की जाती। वहीं संसद इस देश का कानून बनाती है। आप उस संसद को निर्देश देंगे? आपने नया कानून कैसे बना दिया? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर फैसला लेना है? इसका मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट इस देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहता है। दुबे ने कहा कि, अब जब संसद बैठेगी तो इस पर विस्तृत चर्चा होगी।''
इधर, निशिकांत दुबे के साथ-साथ बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट को लेकर बयान दिया है। शर्मा ने कहा कि, ''जब बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान बनाया था, तो उसमें उन्होंने विधायिका और न्यायपालिका के अधिकारों का स्पष्ट रूप से वर्णन किया है। भारत के संविधान के अनुसार, कोई भी लोकसभा और राज्यसभा को निर्देशित नहीं कर सकता है और राष्ट्रपति ने पहले ही इस पर अपनी सहमति दे दी है। कोई भी राष्ट्रपति को चुनौती नहीं दे सकता क्योंकि राष्ट्रपति सर्वोच्च हैं।''
BJP चीफ जेपी नड्डा ने दी हिदायत
फिलहाल, सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के सुप्रीम कोर्ट वाले बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने किनारा कर लिया है। बीजेपी ने कहा कि, यह इनका व्यक्तिगत बयान है, जिससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करती है। वहीं BJP चीफ जेपी नड्डा ने इन दोनों नेताओं के साथ पार्टी के सभी नेताओं को भविष्य में ऐसे बयान न देने की हिदायत भी दी है।
जेपी नड्डा ने कहा, ''भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका एवं देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना–देना नहीं है। यह इनका व्यक्तिगत बयान है, लेकिन भाजपा ऐसे बयानों से न तो कोई इत्तेफाक रखती है और न ही कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन करती है। भाजपा इन बयान को सिरे से खारिज करती है।''
नड्डा ने आगे कहा, ''भारतीय जनता पार्टी ने सदैव ही न्यायपालिका का सम्मान किया है, उनके आदेशों और सुझावों को सहर्ष स्वीकार किया है क्योंकि एक पार्टी के नाते हमारा मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय सहित देश की सभी अदालतें हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं तथा संविधान के संरक्षण का मजबूत आधारस्तंभ हैं। मैंने इन दोनों को और सभी को ऐसे बयान ना देने के लिए निर्देशित किया है।''
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी सुप्रीम कोर्ट पर उठाए थे सवाल
इससे पहले हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी सुप्रीम कोर्ट की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे और तल्ख टिप्पणी की थी। जगदीप धनखड़ ने कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट से जिस तरह के फैसले दिए जा रहे हैं, देश के लोकतंत्र ने कभी उसकी कल्पना नहीं की थी। उपराष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट को 'सुपर संसद' की तरह व्यवहार करने वाला बताया था और कहा था कि, संविधान का अनुच्छेद 142, जो सुप्रीम कोर्ट को विशेष अधिकार देता है, "वो सुप्रीम कोर्ट के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ एक परमाणु मिसाइल बन गया है"। अनुच्छेद 142 को लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के खिलाफ ''न्यूक्लियर मिसाइल" के तरह प्रयोग किया जा रहा है।